Ek Machchar ...
एक मच्छर
एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता है
एक खटमल साला खून में जहर फैला देता है
चंद चुने हुए लोग कुर्सी क्या पा लेते है,
साले अपने आप को खुदा मान लेते है
पर उनको खुदा बनाने वाला सोता है
क्युकी वोटिंग करनेको भी वो रोता है
साला एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
रोता है महंगाई के कारण,भ्रष्टाचार को सहता है
जब बोलने की बारी हो तब भी चुप ही रहता है
रोज सरकार को कोसते रहता है
पर खुद की ताकत नहीं जानता है
क्या करे, साला एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
खुदके गुर्देमे दम नहीं पर दुसरो को भी कोसता है
जो लढता है उनके लिए उसको भी रोकता है
बस बाते बनाते रह जाता है
और फिर से वो रोता है
क्योंकि एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
- दीपबाज़ीगर
( तमाम मुंबई वासियों को समर्पित जिन्होंने पिछले दो दिनों में MMRDA आने की तकलीफ नहीं उठाई)
एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता है
एक खटमल साला खून में जहर फैला देता है
चंद चुने हुए लोग कुर्सी क्या पा लेते है,
साले अपने आप को खुदा मान लेते है
पर उनको खुदा बनाने वाला सोता है
क्युकी वोटिंग करनेको भी वो रोता है
साला एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
रोता है महंगाई के कारण,भ्रष्टाचार को सहता है
जब बोलने की बारी हो तब भी चुप ही रहता है
रोज सरकार को कोसते रहता है
पर खुद की ताकत नहीं जानता है
क्या करे, साला एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
खुदके गुर्देमे दम नहीं पर दुसरो को भी कोसता है
जो लढता है उनके लिए उसको भी रोकता है
बस बाते बनाते रह जाता है
और फिर से वो रोता है
क्योंकि एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
- दीपबाज़ीगर
( तमाम मुंबई वासियों को समर्पित जिन्होंने पिछले दो दिनों में MMRDA आने की तकलीफ नहीं उठाई)
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